की मैं लिखता अपने जज़्बातों को,
इस हालातों को,
पानों पे अपना आईना बना लेता हूँ ।
जब दर डगर भटक जाऊं,
तो स्वयं के घिरे सवालों में खुद को पा लेता हूँ ।।
lafz_by_sumit
की मैं लिखता अपने जज़्बातों को,
इस हालातों को,
पानों पे अपना आईना बना लेता हूँ ।
जब दर डगर भटक जाऊं,