वो किस हुनरमंदी से ये सच्चाई छुपाती है कि जैसे सिसकियों का ज़ख्म शहनाई छुपाती है जो इसकी तह में जाता है वो फिर वापस नहीं आता नदी हर तैरनें वाले से गहराई छुपाती है ©Romil Shrivastava यूँ ही Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto