देश की सीमा पर तैनात, कारगिल मै ओज लिखूँ या श्रृ | हिंदी कविता

"देश की सीमा पर तैनात, कारगिल मै ओज लिखूँ या श्रृंगार लिखूँ। मै भीषण कारगिल प्रहार लिखूँ।। इस मातृभूमि को चरण वंदन कर। कारगिल विजय अखबार लिखूँ।। भारतीय जवान आहुति नमन कर। पाकिस्तानियों के सर गद्दार लिखूँ।। विजय शहीद के नाम वतन कर। हर शब्द देशभक्त पुकार लिखूँ।। उन्नीस सौ निन्यानवे याद चमन कर। मै हिंद दिवाने वीरता के अंबार लिखूँ।। मै देश भक्त आजाद देश चैनोंअमन कर। हिंद के हर सीने पर राष्ट्रभक्ति अंगार लिखूँ।। नोकेश मधुकर आजाद ©Nokesh Madhukar Aajad"

 देश की सीमा पर तैनात, कारगिल 

मै ओज लिखूँ या श्रृंगार लिखूँ।
मै भीषण कारगिल प्रहार लिखूँ।।

इस मातृभूमि को चरण वंदन कर।
कारगिल विजय अखबार लिखूँ।।

भारतीय जवान आहुति नमन कर।
पाकिस्तानियों के सर गद्दार लिखूँ।।

विजय शहीद के नाम वतन कर।
हर शब्द देशभक्त पुकार लिखूँ।।

उन्नीस सौ निन्यानवे याद चमन कर।
मै हिंद दिवाने वीरता के अंबार लिखूँ।।

मै देश भक्त आजाद देश चैनोंअमन कर।
हिंद के हर सीने पर राष्ट्रभक्ति अंगार लिखूँ।।

नोकेश मधुकर आजाद

©Nokesh Madhukar Aajad

देश की सीमा पर तैनात, कारगिल मै ओज लिखूँ या श्रृंगार लिखूँ। मै भीषण कारगिल प्रहार लिखूँ।। इस मातृभूमि को चरण वंदन कर। कारगिल विजय अखबार लिखूँ।। भारतीय जवान आहुति नमन कर। पाकिस्तानियों के सर गद्दार लिखूँ।। विजय शहीद के नाम वतन कर। हर शब्द देशभक्त पुकार लिखूँ।। उन्नीस सौ निन्यानवे याद चमन कर। मै हिंद दिवाने वीरता के अंबार लिखूँ।। मै देश भक्त आजाद देश चैनोंअमन कर। हिंद के हर सीने पर राष्ट्रभक्ति अंगार लिखूँ।। नोकेश मधुकर आजाद ©Nokesh Madhukar Aajad

#kargilvijaydiwas

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