जिस समाज को देखना था किरदार औरत का वह सदियों से द

"जिस समाज को देखना था किरदार औरत का वह सदियों से देखता आया जिस्म औरत का  इसलिए आया उसके हिस्से में  घुंघट, बुर्क़ा और पर्दा पंकज राज ©RAJ RAAJ"

 जिस समाज को देखना था 
किरदार औरत का
वह सदियों से देखता आया 
जिस्म औरत का  
इसलिए आया उसके हिस्से में  
घुंघट, बुर्क़ा और पर्दा 

पंकज राज

©RAJ RAAJ

जिस समाज को देखना था किरदार औरत का वह सदियों से देखता आया जिस्म औरत का  इसलिए आया उसके हिस्से में  घुंघट, बुर्क़ा और पर्दा पंकज राज ©RAJ RAAJ

किरदार #Lines #Poetry #nazm

#Silent

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