नज़र तो चाहती है देखना नया चेहरा पर तेरे ख़्वाबों ने | हिंदी शायरी

"नज़र तो चाहती है देखना नया चेहरा पर तेरे ख़्वाबों ने आँखों को उलझा रक्खा है दिनेश गुप्ता 'दिन'"

 नज़र तो चाहती है देखना नया चेहरा पर
तेरे ख़्वाबों ने आँखों को उलझा रक्खा है

दिनेश गुप्ता 'दिन'

नज़र तो चाहती है देखना नया चेहरा पर तेरे ख़्वाबों ने आँखों को उलझा रक्खा है दिनेश गुप्ता 'दिन'

नज़र तो चाहती है देखना नया चेहरा पर
तेरे ख़्वाबों ने आँखों को उलझा रक्खा है

दिनेश गुप्ता 'दिन'

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