चल रही हूँ, मचल रही हूँ हाथो में उसके हाथ लिए .. ह

"चल रही हूँ, मचल रही हूँ हाथो में उसके हाथ लिए .. हवा के जैसे उड़ रही हूँ फूलो के रंगों में तितली बनके खुद मैं ही घुल रही हूँ..... दरिया सी उसकी आँखों में एक ख़्वाब बनकर उतर रही हूँ ©Mamta Raj"

 चल रही हूँ, मचल रही हूँ
हाथो में उसके हाथ लिए ..
हवा के जैसे उड़ रही हूँ
फूलो के रंगों में तितली बनके
खुद मैं  ही घुल रही हूँ.....
दरिया सी उसकी आँखों में
एक ख़्वाब बनकर उतर रही हूँ

©Mamta Raj

चल रही हूँ, मचल रही हूँ हाथो में उसके हाथ लिए .. हवा के जैसे उड़ रही हूँ फूलो के रंगों में तितली बनके खुद मैं ही घुल रही हूँ..... दरिया सी उसकी आँखों में एक ख़्वाब बनकर उतर रही हूँ ©Mamta Raj

#Nojoto

#OneSeason

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