बैठ के इंतेजार में उनके साहिल पे।
ना जाने कितना वक़्त गुजार दिया।
आए वो मिलने मुझसे मगर।
दिल को मेरे झकझोर दिया।
देख के उनके हालात मैं इस तरह।
तड़प उठा पानी बिन मछली की तरह।
जानना चाहा जो मैं उनसे उनके हालात।
हाथ रख के होंठो को सिल दिया।।
sahil- नदी का किनारा