अनसुलझे हो,सुलझाना मेरी फितरत में है।
तुमको चाहता हूं,तू तो मेरी हर धड़कन में है।
भूल जाऊं तुझे,ये उम्मीद ना रखना ,मुझसे।
आके देख ले तू,दर्द कितना तड़पन में है।।
बैठ के इंतेजार में उनके साहिल पे।
ना जाने कितना वक़्त गुजार दिया।
आए वो मिलने मुझसे मगर।
दिल को मेरे झकझोर दिया।
देख के उनके हालात मैं इस तरह।
तड़प उठा पानी बिन मछली की तरह।
जानना चाहा जो मैं उनसे उनके हालात।
हाथ रख के होंठो को सिल दिया।।
गुलाब tu hai gulab,main Hun पंखुड़ी।
मै तुझसे जुड़ा,तू है मुझसे जुड़ी।
तू है गुलाब....
दोनों कब हैं,अलग हुए
सिर्फ एक बार हैं जीवन में मिले
साथ देते देते हो जाते फना
दूसरों का सजाने नया शमा..
तू है गुलाब मै हूं पंखुड़ी...।।
मैंने तेरे लिए मैंने तेरे लिए,तुमने मेरे लिए।
गम को छोड़ा,खुशी के लिए।
मिले थे जिस मोड़ पे पहली दफा।
जिंदगी कुर्बान उस खुशी के लिए...
मैंने तेरे लिए...........
मोहब्बत थी तभी तो मिले हम।
इनायत थी तभी तो जुड़े हम।
होंगे ना जुदा कभी ये वादा रहा।
मै बना तेरे लिए,तू बना मेरे लिए...
मैंने तेरे लिए.....
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here