"अनसुलझे हो,सुलझाना मेरी फितरत में है।
तुमको चाहता हूं,तू तो मेरी हर धड़कन में है।
भूल जाऊं तुझे,ये उम्मीद ना रखना ,मुझसे।
आके देख ले तू,दर्द कितना तड़पन में है।।"
अनसुलझे हो,सुलझाना मेरी फितरत में है।
तुमको चाहता हूं,तू तो मेरी हर धड़कन में है।
भूल जाऊं तुझे,ये उम्मीद ना रखना ,मुझसे।
आके देख ले तू,दर्द कितना तड़पन में है।।