White ख्वाईशो का तो महल बन जाता है..…..
पर हकीकत का मकान कुछ और ही कहानी बया करता हैं।
इन ख़्वायशो के लिए
नाजाने कोई कितनी रातो की नींद खो देता है,
ना जाने कोई कितनी बार अपने दिल की तक ना सुनता है!!
पर जनाब ,जिंदगी को दाव खेलना आता है।
जो सोचा ना था वैसा अंत भी दिखलाता है।।
अब जिनके ख़्वायशो के महल पूरे हो गए,
वो बड़े ख़्वायशो के पहाड़ बनाने लग जाते है।
और जिनके ख्वाईशो के महल की एक दीवार तक ना बन पाई
वो उसे पूरी करने में अपनी जिंदगी लगा देते है।
©Toshika Barewar
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