बस दो दिन की यह जिंदगी है,
पर किस्से हजारो बतलाएगी।
सुबह की चाय से रात के खाने तक
किरदार अनेक मिलवाएगी।
तुम मानो या ना मानो
पर एक मोड़ पर खड़ा करवाएगी।
आज का किसे पता नही
पर कल को हैरत दिखलाएगी।
चार दिन की चांदनी को, कभी दो दिन में खत्म करवाएगी
बस चले तो, सालोसाल तक अमर भी बनवाएगी।
जिंदगी है जनाब!!!!!!
कब, क्यो, कैसे के जवाब तुम्हीसे ढूंडवाएगी।
©Toshika Barewar
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