जो भारतीय नागरिक चंद सिक्को के लिये विदेशी सरजमीं | हिंदी विचार

"जो भारतीय नागरिक चंद सिक्को के लिये विदेशी सरजमीं पर जाकर अपनी मातृभाषा भूल सकते है ऐसे नागरिको को भारत का भविष्य मानना हमारी मुर्खता होगी । ©rohit sarswati"

 जो भारतीय नागरिक 
चंद सिक्को के लिये
विदेशी सरजमीं पर जाकर 
अपनी मातृभाषा भूल सकते है
ऐसे नागरिको को 
भारत का भविष्य मानना
हमारी मुर्खता होगी ।

©rohit sarswati

जो भारतीय नागरिक चंद सिक्को के लिये विदेशी सरजमीं पर जाकर अपनी मातृभाषा भूल सकते है ऐसे नागरिको को भारत का भविष्य मानना हमारी मुर्खता होगी । ©rohit sarswati

#Hindidiwas # आंदोलन अब नही तो फिर कब ।

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