दोस्त तो हजार है
पर नौकरी व्यापार है
गलती नही सरकार की
मैं खुद से ही लाचार हूं
मैं बेरोजगार हूं
प्यार भी अब हो गया है दूर
समझने लगे लोग मिट्टी का धुर
पैसो से मजबूर सफेद कॉलर का मजदूर
मैं खुद का खुद ही गुनाहगार हूं
मैं बेरोजगार हूं
अब उठा लिया है कलम
तोड़ दूंगा अब हर भ्रम
वक्त मिले तो पढ़ना ज़रूर
मैं जिद्दी कलमकार हूं
मैं बेरोजगार हूं
जिद्दी✍️