जिद्दी 'अली

जिद्दी 'अली Lives in Mumbai, Maharashtra, India

जिद्दी हूं पर कभी भी जिद्द नही करता

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जिंदगी से बहुत उदास हूं न जाने क्या क्या मैं भी सोचता रहता हूं कभी इधर तो कभी उधर देखता रहता हूं कुछ लोग कहते है की मैं बहुत खास हूं मगर कौन बताए की मैं जिंदगी से बहुत उदास हूं कुछ पल तो ऐसा लगता है की कुछ हो रहा हो कभी दिल तो कभी दिमाग भी कुछ कह रहा हो महसूस होता है जैसे मैं किसी के आसपास हूं पर मैं तो जिंदगी से बहुत उदास हूं कोई तो है जो बेइम्तेहां मुझसे प्यार करती है मेरे आने का हर वक्त वो इंतज़ार करती है उसे कौन बताए की मैं बकवास हूं क्योंकि मैं तो जिंदगी से बहुत उदास हू कहती है की मैं कभी भी हार नही सकता मगर मैं तो जीत कर भी जीत नही सकता वो कहती फिरती है सब से मैं विश्वास हूं न जाने क्यों मैं जिंदगी से बहुत उदास हूं सब कुछ जान कर भी अनजान बना रहता हू मैं तो अपने ही घर मे मेहमान बना रहता हू घर वाले कहते है की मैं उपन्यास हूं बे-वजह ही मैं जिंदगी से बहुत उदास हू अली (जिद्दी)

 जिंदगी से बहुत उदास हूं

न जाने क्या क्या मैं भी सोचता रहता हूं
कभी इधर तो कभी उधर देखता रहता हूं
कुछ लोग कहते है की मैं बहुत खास हूं
मगर कौन बताए की मैं जिंदगी से बहुत उदास हूं

कुछ पल तो ऐसा लगता है की कुछ हो रहा हो
कभी दिल तो कभी दिमाग भी कुछ कह रहा हो
महसूस होता है जैसे मैं किसी के आसपास हूं
पर  मैं  तो  जिंदगी  से  बहुत  उदास  हूं

कोई तो है जो बेइम्तेहां मुझसे प्यार करती है
मेरे आने का  हर  वक्त  वो इंतज़ार करती है 
उसे कौन बताए की मैं बकवास हूं 
क्योंकि मैं तो जिंदगी से बहुत उदास हू

कहती है की मैं कभी भी हार नही सकता
मगर मैं तो जीत कर भी जीत नही सकता
वो कहती फिरती है सब से मैं विश्वास हूं
न जाने क्यों मैं जिंदगी से बहुत उदास हूं

सब कुछ जान कर भी अनजान बना रहता हू
मैं तो अपने ही घर  मे मेहमान  बना  रहता हू
घर वाले कहते है की मैं उपन्यास हूं
बे-वजह ही मैं जिंदगी से बहुत उदास हू

अली (जिद्दी)

जिंदगी से बहुत उदास हू

11 Love

बहुत प्यासा हूं मैं एक बूंद पानी दे दे मेरे मौला भीख मे ही जिंदगानी दे दे टूटकर बिखर गया हूं आईने की तरह कम से कम टूटने की ही निशानी दे दे थक गया हूं मैं जिंदगी से लड़ते-लड़ते जिंदगी जी सकू ऐसी कोई कहानी दे दे लिख तो लेता हूं दर्द को कोरे कागज पे पढ़ सके मेरे दर्द को कोई ऐसी दीवानी दे दे मुद्दतो बाद फिर से याद कर रही है वो तू ऐसा कर यादे वही पुरानी दे दे जिद्दी

 बहुत प्यासा हूं मैं एक बूंद पानी दे दे
मेरे मौला भीख मे ही जिंदगानी दे दे

टूटकर बिखर गया हूं आईने की तरह
कम से कम टूटने की ही निशानी दे दे

थक गया हूं मैं जिंदगी से लड़ते-लड़ते 
जिंदगी जी सकू ऐसी कोई कहानी दे दे

लिख तो लेता हूं दर्द को कोरे कागज पे
पढ़ सके मेरे दर्द को कोई ऐसी दीवानी दे दे

मुद्दतो बाद फिर से याद कर रही है वो
तू ऐसा कर यादे वही पुरानी दे दे

जिद्दी

आप सब अपनी दुआओ से नवाजिये

11 Love

बुलंदियो पे यक़ीनन यक़ीन रखता हूं मगर मैं पाँव के नीचे जमीन रखता हूं तुम्हारी तरह नही सिर्फ शक्लो सूरत ही मैं अपने सीने मे दिल भी हसीन रखता हूं तलास कीजिये हाथो मे आप तकदीरें मैं सिर्फ खुदा पर यक़ीन रखता हूं उस्ताद नदीम शाद

 बुलंदियो पे यक़ीनन यक़ीन रखता हूं 
मगर मैं पाँव के नीचे जमीन रखता हूं

तुम्हारी तरह नही सिर्फ शक्लो सूरत ही
मैं अपने सीने मे दिल भी हसीन रखता हूं

तलास कीजिये हाथो मे आप तकदीरें
मैं सिर्फ खुदा पर यक़ीन रखता हूं

उस्ताद नदीम शाद

दिल के बेहद करीब है ये गजल

12 Love

दोस्त तो हजार है पर नौकरी व्यापार है गलती नही सरकार की मैं खुद से ही लाचार हूं मैं बेरोजगार हूं प्यार भी अब हो गया है दूर समझने लगे लोग मिट्टी का धुर पैसो से मजबूर सफेद कॉलर का मजदूर मैं खुद का खुद ही गुनाहगार हूं मैं बेरोजगार हूं अब उठा लिया है कलम तोड़ दूंगा अब हर भ्रम वक्त मिले तो पढ़ना ज़रूर मैं जिद्दी कलमकार हूं मैं बेरोजगार हूं जिद्दी✍️

 दोस्त तो हजार है
पर नौकरी व्यापार है
गलती नही सरकार की
मैं खुद से ही लाचार हूं
मैं बेरोजगार हूं

प्यार भी अब हो गया है दूर
समझने लगे लोग मिट्टी का धुर
पैसो से मजबूर सफेद कॉलर का मजदूर 
मैं खुद का खुद ही गुनाहगार हूं
मैं बेरोजगार हूं

अब उठा लिया है कलम 
तोड़ दूंगा अब हर भ्रम
वक्त मिले तो पढ़ना ज़रूर
मैं जिद्दी कलमकार हूं
मैं बेरोजगार हूं

जिद्दी✍️

दोस्त तो हजार है पर नौकरी व्यापार है गलती नही सरकार की मैं खुद से ही लाचार हूं मैं बेरोजगार हूं प्यार भी अब हो गया है दूर समझने लगे लोग मिट्टी का धुर पैसो से मजबूर सफेद कॉलर का मजदूर मैं खुद का खुद ही गुनाहगार हूं मैं बेरोजगार हूं अब उठा लिया है कलम तोड़ दूंगा अब हर भ्रम वक्त मिले तो पढ़ना ज़रूर मैं जिद्दी कलमकार हूं मैं बेरोजगार हूं जिद्दी✍️

11 Love

मैं बेरोजगार हूं गली नुक्कड़ पे ही बैठा रहता हूं बे-वजह की बाते करता रहता हूं लोग क्या जाने क्या है मेरी मजबूरी मैं तो चाय वाले का भी उधार हूं मैं बेरोजगार हूं सारा दिन किताबो को पढ़ता रहता हूं मैं खुद से ही कई जंग लड़ता रहता हू कब हारा और कब जीता मालूम नही मैं लोगों का दुत्कार हूं मैं बेरोजगार हूं मेरे पास है डीग्री बी-कॉम की पर है ही नही किसी भी काम की घर मे कोई कुछ भी नही कहता क्योंकि मैं माँ बाप का प्यार हूं मैं बेरोजगार हूं

 मैं बेरोजगार हूं

गली नुक्कड़ पे ही बैठा रहता हूं
बे-वजह की बाते करता रहता हूं
लोग क्या जाने क्या है मेरी मजबूरी 
मैं तो चाय वाले का भी उधार हूं
मैं बेरोजगार हूं

सारा दिन किताबो को पढ़ता रहता हूं 
मैं खुद से ही कई जंग लड़ता रहता हू
कब हारा और कब जीता मालूम नही 
मैं लोगों का दुत्कार हूं
मैं बेरोजगार हूं

मेरे पास है डीग्री बी-कॉम की 
पर है ही नही किसी भी काम की
घर मे कोई कुछ भी नही कहता
क्योंकि मैं माँ बाप का प्यार हूं
मैं बेरोजगार हूं

मैं बेरोजगार हूं गली नुक्कड़ पे ही बैठा रहता हूं बे-वजह की बाते करता रहता हूं लोग क्या जाने क्या है मेरी मजबूरी मैं तो चाय वाले का भी उधार हूं मैं बेरोजगार हूं सारा दिन किताबो को पढ़ता रहता हूं मैं खुद से ही कई जंग लड़ता रहता हू कब हारा और कब जीता मालूम नही मैं लोगों का दुत्कार हूं मैं बेरोजगार हूं मेरे पास है डीग्री बी-कॉम की पर है ही नही किसी भी काम की घर मे कोई कुछ भी नही कहता क्योंकि मैं माँ बाप का प्यार हूं मैं बेरोजगार हूं

6 Love

दाव पेच लगाओ जीत के दिखाओ बाजी गहरे समंदर मे कही डूब न जाए नाव माझी रख खुद पे यक़ीन और हौसला बुलन्द कर पार हो जायेगा नाव भी जीत जायेगा बाजी अली(जिद्दी)

 दाव पेच लगाओ जीत के दिखाओ बाजी
गहरे समंदर मे कही डूब न जाए नाव माझी 
रख खुद पे यक़ीन और हौसला बुलन्द कर 
पार हो जायेगा नाव भी जीत जायेगा बाजी

अली(जिद्दी)

दाव पेच लगाओ जीत के दिखाओ बाजी गहरे समंदर मे कही डूब न जाए नाव माझी रख खुद पे यक़ीन और हौसला बुलन्द कर पार हो जायेगा नाव भी जीत जायेगा बाजी अली(जिद्दी)

5 Love

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