बहुत प्यासा हूं मैं एक बूंद पानी दे दे
मेरे मौला भीख मे ही जिंदगानी दे दे
टूटकर बिखर गया हूं आईने की तरह
कम से कम टूटने की ही निशानी दे दे
थक गया हूं मैं जिंदगी से लड़ते-लड़ते
जिंदगी जी सकू ऐसी कोई कहानी दे दे
लिख तो लेता हूं दर्द को कोरे कागज पे
पढ़ सके मेरे दर्द को कोई ऐसी दीवानी दे दे
मुद्दतो बाद फिर से याद कर रही है वो
तू ऐसा कर यादे वही पुरानी दे दे
जिद्दी
आप सब अपनी दुआओ से नवाजिये