ऐ साल जाते जाते कुछ अच्छा दे जा
नुकसान हुआ बहुत कुछ नफा दे जा
झुलस रहे हैं लोग इक मर्ज़ की आग में
इससे निपटने का कोई करिश्मा दे जा
मैं जानता हूँ नुक़्स और काबिलियत अपनी
तू मुझे बस कोई हसीं मुकाबला दे जा
कब तक रहे रूहों में सलवटें नफरतों की
जाते-जाते दिसम्बर में जून का मजा दे जा
साज कुछ नये कुछ तरन्नुम नयी-नयी सी
कुछ रौशन उम्मीदों का सिलसिला दे जा
ऐ साल जाते जाते कुछ अच्छा दे जा!
©Kaushal Almora
#Year2020 #kaushalalmora #covid19 #अच्छा #देजा #december
#coldnights