अगर मुमकिन हो तो नाम से पुकारना तेरे लवों से निकला
"अगर मुमकिन हो तो नाम से पुकारना
तेरे लवों से निकला खुद का नाम
जहन को इस तरह पसंद है
तेरे आवाज़ देना होता है
और हम इश्क़ ए मरीज़ को
तुम्हारी आवाज़ से शिफा अता हो जाती है.....
आदी"
अगर मुमकिन हो तो नाम से पुकारना
तेरे लवों से निकला खुद का नाम
जहन को इस तरह पसंद है
तेरे आवाज़ देना होता है
और हम इश्क़ ए मरीज़ को
तुम्हारी आवाज़ से शिफा अता हो जाती है.....
आदी