अगर मुमकिन हो तो नाम से पुकारना तेरे लवों से निकला खुद का नाम जहन को इस तरह पसंद है तेरे आवाज़ देना होता है और हम इश्क़ ए मरीज़ को तुम्हारी आवाज़ से शिफा अता हो जा.
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