अन्दर की दौड़ चाहे कोई भी हो कभी खत्म नहीं होती | हिंदी ਜੀਵਨ ਕਹਾਣੀ ਅਤੇ

"अन्दर की दौड़ चाहे कोई भी हो कभी खत्म नहीं होती इसी दौड़ का नाम शायद भटकना है ©Maninder Kaur Bedi"

 अन्दर की दौड़ 
चाहे कोई भी हो 
 कभी खत्म नहीं होती 
इसी दौड़ का नाम शायद 
भटकना है

©Maninder Kaur Bedi

अन्दर की दौड़ चाहे कोई भी हो कभी खत्म नहीं होती इसी दौड़ का नाम शायद भटकना है ©Maninder Kaur Bedi


दौड़

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