White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 16) में आपका स्वागत है!
शाम का समय''
बारिश अपने आने की सूचना बिजली के हाथ इस धरातल पर भेजती है!
और देखते ही देखते कुछ ही क्षणों में, आ धमकती है!
कर्मचारी नंदू को देखता है, वह कब से वहीं बैठा रहता है!
लगता है नसा में ये अपना स्टेशन काफी पीछे छोड़ आया है!
नंदू के पास आकर पूछता है-- ऐ लड़के तुम्हें कहां जाना है, कब से देख रहा हूं तुम यहीं पर बैठे हो! नंदू उठ कर खड़ा हो जाता है! और आंखों से आंसू का सहारा लेकर, बड़े ही निर्मोही भाव से बोलता है, अंकल मुझे खुद नहीं पता मुझे कहां जाना है!
कर्मचारी अचंभित होकर बोलता है--तुम पागल हो क्या?
नंदू बगैर बोले अपना मुंह नीचे कर लेता है!
कर्मचारी को कुछ समझ मे नहीं आता है, असली माजरा क्या है? कर्मचारी मन ही मन सोचता है, क्यों न इसे पुलिस को दे दूं वही पूछताछ करेगा, ऐसे यह बताने वाला नहीं है!
कर्मचारी जैसे ही कदम उठाता है, नंदू वैसे ही लपक कर कर्मचारी का पैर पकड़ लेता है !, कर्मचारी सक पका जाता है, और मन ही मन सोचता है, इसे कैसे पता कि मैं पुलिस के पास जा रहा हूं! लगता है यह जादूगर है! नंदू रोते हुए बोलता हैं,अंकल मुझे कोई काम दे दो!
©writer Ramu kumar
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