writer Ramu kumar

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    मैं रामू कुमार     ...    आप तमाम भूमंडल वासियों तक. अपनी विचारधारा पहुंचाना चाहता हूं ,जो प्रकृति से ओतप्रोत हैं !जिसमें ना जाने कितने जीव शामिल हैं , मैं अपनी कहानी ,संवाद ,कविता ,नाटक, इत्यादी के माध्यम से उन तमाम सजीवों से रूबरू करवाना चाहता हूं ,जिससे बहुत से प्राणी अपरिचित हैं ,हमारे पर्यावरण में हो रही अनेकों कुप्रथाएं जो हमें रोज एक नई गलतियां करने को मजबूर करती हैं और हम जानते हुए भी यह गलत है ,,, लेकिन अनदेखा कर जाते हैं  -और उस दलदल में फंसते चले जाते हैं! जहां से चाहकर भी नहीं निकला जा सकता ?..                        कॉन्टेक्ट नंबर   (8528995273)

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#फ़िल्म #writerRamukumar #love_shayari #kahani #Hindi  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 29) में आपका स्वागत है!
नंदू कर्मचारी को लेकर अपने क्वाटर के तरफ चलने लगता  है!
रास्ते में ढेर सारी बातें होती है!
कुछ समय चलने के बाद नंदू का क्वार्टर आ जाता है!
कर्मचारी क्वार्टर के इर्द-गिर्द नजर दौड़ाता है!
गली में काफी गंदगी पड़ी होती है!कर्मचारी अपना नाक     शिकुड़ाते हुए क्वार्टर में प्रवेश करता है!
कमरे में एक डोरी वाली खाट,कुछ बर्तन,और कुछ खाने पीने की चीजें बेसुधा पड़ी थी!सामने दीवार में एक कैलेंडर टंगा था!जिसमें कृष्ण राधा का फोटो छपी थी!
नंदू चाय पिना बंद कर कर दिया था ! इसलिए उसके कमरे में चाय बनाने वाली किसी प्रकार की सामग्री उपलब्ध नहीं था!
नंदू कर्मचारी के तरफ देखते हुए बोलता है!अंकल जी आप थोड़ा देर आराम कीजिए मैं अभी दो मिनट में आ रहा हूं!
कर्मचारी झटके में उचक्के होकर पूछता है ,कहां जा रहे हो?
नंदू सहानुभूति देते हुए ; बस अंकल जी थोड़ी देर में आया!इतना कहते हुए वह कमरे से बाहर की तरफ चल देता है!
कुछ ही क्षणों में नंदू होटल से गरम गरम पकौड़े और चाय   लेकर आता है!

©writer Ramu kumar
#writerRamukumar #फ़िल्म #GoodMorning  White  सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 28) में आपका स्वागत है!
कर्मचारी निराशा की गठरी सर पर लेकर, वापस अपने कमरे की तरफ चल देता है!
दूसरे दिन फिर कर्मचारी ड्यूटी खत्म  होने के बाद कंपनी के गेट पर पहुंचता है!उस दिन फिर नंदू से मुलाकात नहीं हो पाता, शायद वह पहले ही निकल चुका था!
कर्मचारी तीसरे दिन  वही प्रक्रिया जारी रखता है!आखिर लोग कहते हैं ना की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती!आखिरकार नंदू से तीसरे दिन मुलाकात हो ही जाती है!
दोनों का मुलाकात ,भरत मिलाप के समान ,बेहद करुणा पूर्ण  था!
कर्मचारी-नंदू के कंधे पे हाथ रखते हुए ,चलो मेरे साथ मैं तुम्हें बढ़िया सा क्वार्टर दिलवाता हूं!
नंदू-अंकल जहां मै रह रहा हूं, वहां भी बढ़िया  है!
कर्मचारी- अच्छा चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं!तुम्हारा क्वाटर भी देख लुंगा ,  कभी मुलाकात करना होतो हम सीधे वहीं आकर  मिल लेंगे!

©writer Ramu kumar
#writerRamukumar #फ़िल्म #sad_quotes  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 27) में आपका स्वागत है!

चार माह बीत चुके थे,नंदू के माता पिता विषाद की चादर में धीरे-धीरे लिपटते जा रहे थे,

इधर कर्मचारी को  नंदू की यादें झकझोर रहा था,और अंत मे उन्होंने निश्चय किया कि आज नंदू से मिलने जाऊंगा!  कर्मचारी, ड्यूटी से आते वक्त सीधे नंदू के क्वाटर की तरफ चल देता है!लेकिन वहां नंदू नहीं मिलता है!कॉलोनी के लोगों से पूछने पर पता चलता है की,सेहत सही नहीं रहने के कारण वह बाहर क्वार्टर लेकर रहता है!कर्मचारी निराश होकर एक व्यक्ति से पूछता है!आपको पता है कि वह कहां रहता है !
कर्मचारी का प्रश्न निरुत्तर होकर वापस उसी के पास लौट आता है!दूसरे दिन कर्मचारी ड्यूटी से आते वक्त  कंपनी के गेट
पर रुक कर नंदू का इंतजार करने लगता है!सभी कर्मचारी छुट्टी होते ही एक-एक करके बाहर निकलने लगते हैं!लेकिन नंदू कहीं नजर नहीं आता है!कर्मचारी अनिश्चित दशा में कुछ पल के लिए वहीं खड़ा रहता है!तभी एक गार्ड आकर उससे पूछता है, किसका इंतजार कर रहे हैं !कर्मचारी  बोलता है नंदू को,
कार्ड मुस्काते हुए बोलता है - नंदू आज छुट्टी पर है, आप
कल आईऐगा,

©writer Ramu kumar
#फ़िल्म #writerRamukumar #GoodMorning #hindistory  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 26) में आपका स्वागत
 है!
इधर सीखा दरवाजे पे खड़ी अपने बापू का इंतजार कर रही थी!शिखा की मां के गुजरने के बाद शिखा के माता और पिता ,सब उनके बापू ही थे!
कर्मचारी-अपने दरवाजे के पास पहुंचता है !और एकाएक बोल पड़ता है, यहां दरवाजे पर क्या कर रही हैं,अंदर चलो काफी थक गया हूं थोड़ा चाय बना लो!
सीखा चिड़चिड़ती हुई -चाय तीन दफा गर्म कर चुकी हूं !
कर्मचारी सिखा के सर पर हाथ रखते हुए, चलो कोई बात नहीं! ये लो  छाता जाओ ..

शिखा कुछ क्षणों में रसोई से दो प्याले में चाय लेकर  आती है!चाय रखती हुई टपाक से पूछ बैठती है..बापू वह लड़का कहां गया!दिखाई नहीं दे रहा है!कर्मचारी चाय का प्याला हाथ में उठाते हुए!नंदू का कहानी बताने लगता है!
शिखा सिर हिलाती हुई ठीक है!
कर्मचारी खाना पीना खाने के बाद लेट जाता है!
परंतु नींद शायद नंदू चुरा कर ले गया था!नंदू की यादें और उसका भोलापन कर्मचारी को बार-बार जगह-जगह से कुरेद रहा था!
नंदू जिस कंपनी में काम पर लगा था!उस कंपनी में ट्यूबलाइट तैयार किया जाता था!नंदू काफी मेहनती था जिसके वजह से उसे आगे बढ़ने में किसी तरह की कठिनाई की सामना नहीं करना पड़ाऔर वो आगे बढ़ते चला गया!.......

©writer Ramu kumar

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#writerRamukumar #फ़िल्म #GoodMorning  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 25) में आपका स्वागत
 है!

 शाम का समय, कर्मचारी अपना ड्यूटी खत्म करने के बाद ,फिर उसी कंपनी के दरवाजे पर आता है, जहां नंदू काम पर लगा होता है!
नंदू छुट्टी होने के पश्चात कंपनी के बाहर बने चबूतरे पर बैठकर कर्मचारी का राह देख रहा होता है,कुछ ही क्षणों में कर्मचारी उसके पास पहुंचता है! 
नंदू-कर्मचारी को देखते ही वहां से उठकर खड़ा हो जाता है!और बड़ी ही उत्सुकता पूर्वक.बोल पड़ता है! अंकल जी कंपनी के तरफ से मुझे रहने और खाने का प्रबंध किया गया है !
कर्मचारी-मुस्कुराते हुए वाह तब तो सोने पर सुहागा हो गया! लेकिन कंपनी का क्वार्टर है कहां?
नंदू अपने जेब से एक कार्ड निकाल कर कर्मचारी को देता है और बोलता है ये तो आप ही को मालूम होगा ,यह कहां पर है !कर्मचारी अपने जेब से चश्मा निकालते हुए उस कार्ड को ध्यान से पढ़ने लगता है!
पढ़ने के बाद नंदू से बोलता है! चलो मेरे साथ ये तो पास में ही है!कुछ दूर चलने के बाद कंपनी का  क्वार्टर आ जाता है!कर्मचारी गार्ड को नंदू सौंपते हुए वहां से आंखों में आंसू लेकर अपने क्वार्टर की तरफ तेजी से चल देता हैं!नंदू दोनों हाथ जोड़े ऐसे खड़ा था, मानो कोई भगवान के मूर्ति के सामने खड़ा हो!गार्ड नंदू को हाथ पकड़ते हुए बस हो गया चलो आओ मेरे साथ!

©writer Ramu kumar

White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 24) में आपका स्वागत है! मालिक--यही लड़का है! कर्मचारी--अपना सर हिलाते हुए जी हां! मालिक नंदू के तरफ देखते हुए, पढ़े लिखे हो! नंदू--जी हां! मालिक--तुम्हारा नाम क्या है! नंदू अपना नाम बताता है, मालिक को नंदू का भोलापन बेहद पसंद आता है और कल से आने के लिए कहते हैं! नंदू--कल से क्यों अभी से क्यों नहीं? मालिक मुस्कुराते हुए ठीक है भाई अभी से काम पर लग जाओ,मालिक अपने पिए से नंदू को काम समझाने के लिए कहता है,नंदू पिए के साथ कार्यस्थल पर पहुंचता है, नंदू वहां पर रखें औजार का निरीक्षण करने लगता है, वहां पर पहले से कार्यरत मजदूर नंदू को अपने साथ काम में सम्मिलित कर लेता है,नंदू फुर्ती के साथ कार्य में व्यस्त हो जाता है!कर्मचारी भी वहां से अपने ड्यूटी के लिए निकल पड़ता है! ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #good_night  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 24) में आपका स्वागत है!
मालिक--यही लड़का है!
कर्मचारी--अपना सर हिलाते हुए जी हां!
मालिक नंदू के तरफ देखते हुए, पढ़े लिखे हो!
नंदू--जी हां!
मालिक--तुम्हारा नाम क्या है!
नंदू अपना नाम बताता है,
मालिक को नंदू का भोलापन बेहद पसंद आता है और कल से आने के लिए कहते हैं!
नंदू--कल से क्यों अभी से क्यों नहीं?
मालिक मुस्कुराते हुए ठीक है भाई अभी से काम पर लग जाओ,मालिक अपने पिए से नंदू को काम समझाने के लिए कहता है,नंदू पिए के साथ कार्यस्थल पर पहुंचता है,
नंदू वहां पर रखें औजार का निरीक्षण करने लगता है,
वहां पर पहले से कार्यरत मजदूर नंदू को अपने साथ काम में सम्मिलित कर लेता है,नंदू फुर्ती के साथ कार्य में व्यस्त हो जाता है!कर्मचारी भी वहां से अपने ड्यूटी के लिए निकल पड़ता है!

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