White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 27) में आपका स्वागत है!
चार माह बीत चुके थे,नंदू के माता पिता विषाद की चादर में धीरे-धीरे लिपटते जा रहे थे,
इधर कर्मचारी को नंदू की यादें झकझोर रहा था,और अंत मे उन्होंने निश्चय किया कि आज नंदू से मिलने जाऊंगा! कर्मचारी, ड्यूटी से आते वक्त सीधे नंदू के क्वाटर की तरफ चल देता है!लेकिन वहां नंदू नहीं मिलता है!कॉलोनी के लोगों से पूछने पर पता चलता है की,सेहत सही नहीं रहने के कारण वह बाहर क्वार्टर लेकर रहता है!कर्मचारी निराश होकर एक व्यक्ति से पूछता है!आपको पता है कि वह कहां रहता है !
कर्मचारी का प्रश्न निरुत्तर होकर वापस उसी के पास लौट आता है!दूसरे दिन कर्मचारी ड्यूटी से आते वक्त कंपनी के गेट
पर रुक कर नंदू का इंतजार करने लगता है!सभी कर्मचारी छुट्टी होते ही एक-एक करके बाहर निकलने लगते हैं!लेकिन नंदू कहीं नजर नहीं आता है!कर्मचारी अनिश्चित दशा में कुछ पल के लिए वहीं खड़ा रहता है!तभी एक गार्ड आकर उससे पूछता है, किसका इंतजार कर रहे हैं !कर्मचारी बोलता है नंदू को,
कार्ड मुस्काते हुए बोलता है - नंदू आज छुट्टी पर है, आप
कल आईऐगा,
©writer Ramu kumar
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