White रचना दिनांक,,,1,,,10,,,,,2024,, वार,,, मंगलव | हिंदी भक्ति

"White रचना दिनांक,,,1,,,10,,,,,2024,, वार,,, मंगलवार समय सुबह छह बजे, ,,,,,,निज विचार,,,,, ,,,,,,,,,,शीर्षक,,,,,,, ््््््छाया चित्र में दिखाया गया नीले गगन में सुर्य रश्मि प्रभा सी,, स्वर्णिम किरणों का पीत वर्ण वरण करती धरा पर दृश्यावलोकन में, नदियों के ब़ीज पर आवागमन चहलकदमी कर देख रहा है।। मनुष्य में, प्राकृतिक प्रकृति से प्रेम करते जल जलाशय में कलकल बहती जलधाराओं के ,बहती हुई नदी में अपनी सुन्दरता में दरशणात चाहत में, एक सौन्दर्य छटा बिखेरती नजर आ रही है,,प्रेम मूर्ति प्रेम शब्द संसार जगत में ऐसे ही सुन्दर सी कविता चित्र भाव संदेश भाव भंगिमा दीप प्रज्जवलित कर मन को प्रफुल्लित कर देख रही है्््् आ रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ निकले,, ध्वनि से नयन में भरे जल बह निकले तन मन से धुन में मस्त हो राग रंग में रंगे है धूम धाम से मनाया गया है, पर्व काल अश्विन मास शुक्ल पक्ष नवरात्रि पर्व का मंगल कारकं दिव्य आयोजन है आमन्त्रित हैं ।। गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली और उसके परिणाम,, मां चामुण्डा देवी तुलजा भवानी, महाकाली जी के प्रांगण में , आयोजित नवरात्र का मनोरम दृश्य से सजाया गया,, और उसके अध्यात्मिक दर्शन से मन प्रसन्न हो ,, प्यारा सा जीवन में एक पूजा एवं मंत्र जाप करने वाले अच्छे लगते है।। विधि करहु विविध संस्कार जग में जगदीश्वरी मां शब्दों में आनंद हो,, जीवन मंत्र शक्ति अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचनानिर्राकारंओकारं आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में महान् शिवतत्व शिवअंततत्व में गिरजा देवी को सादर नमन वन्दंनीय है।। ्््््््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 1,,,10,,,,2024,,, ©Shailendra Anand"

 White रचना दिनांक,,,1,,,10,,,,,2024,,
वार,,, मंगलवार
समय   सुबह   छह   बजे,
,,,,,,निज विचार,,,,,
,,,,,,,,,,शीर्षक,,,,,,,
््््््छाया चित्र में दिखाया गया नीले गगन में सुर्य रश्मि प्रभा सी,,
स्वर्णिम किरणों का पीत वर्ण वरण करती धरा पर दृश्यावलोकन में,
नदियों के ब़ीज पर आवागमन चहलकदमी कर देख रहा है।।
 मनुष्य में, प्राकृतिक प्रकृति से प्रेम करते जल जलाशय में कलकल बहती 
जलधाराओं के ,बहती हुई नदी में अपनी सुन्दरता में दरशणात चाहत में,
 एक सौन्दर्य छटा बिखेरती नजर आ रही है,,प्रेम मूर्ति प्रेम शब्द संसार जगत में 
ऐसे ही सुन्दर सी कविता चित्र भाव संदेश भाव भंगिमा दीप प्रज्जवलित कर मन को प्रफुल्लित कर देख रही है््््
आ रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ निकले,,
ध्वनि से नयन में भरे जल बह निकले तन मन से
धुन में मस्त हो राग रंग में रंगे है धूम धाम से मनाया गया है,
 पर्व काल अश्विन मास शुक्ल पक्ष नवरात्रि पर्व का
 मंगल कारकं दिव्य आयोजन है आमन्त्रित हैं ।।
गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली और उसके परिणाम,,
 मां चामुण्डा देवी तुलजा भवानी, महाकाली जी के प्रांगण में ,
आयोजित नवरात्र का मनोरम दृश्य से सजाया गया,,
और उसके अध्यात्मिक दर्शन से मन प्रसन्न हो ,,
प्यारा सा जीवन में एक पूजा एवं मंत्र जाप करने वाले अच्छे लगते है।।
विधि करहु विविध संस्कार जग में जगदीश्वरी मां शब्दों में आनंद हो,,
जीवन मंत्र शक्ति अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचनानिर्राकारंओकारं आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में महान् शिवतत्व शिवअंततत्व में गिरजा देवी को सादर नमन वन्दंनीय है।।
्््््््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
1,,,10,,,,2024,,,

©Shailendra Anand

White रचना दिनांक,,,1,,,10,,,,,2024,, वार,,, मंगलवार समय सुबह छह बजे, ,,,,,,निज विचार,,,,, ,,,,,,,,,,शीर्षक,,,,,,, ््््््छाया चित्र में दिखाया गया नीले गगन में सुर्य रश्मि प्रभा सी,, स्वर्णिम किरणों का पीत वर्ण वरण करती धरा पर दृश्यावलोकन में, नदियों के ब़ीज पर आवागमन चहलकदमी कर देख रहा है।। मनुष्य में, प्राकृतिक प्रकृति से प्रेम करते जल जलाशय में कलकल बहती जलधाराओं के ,बहती हुई नदी में अपनी सुन्दरता में दरशणात चाहत में, एक सौन्दर्य छटा बिखेरती नजर आ रही है,,प्रेम मूर्ति प्रेम शब्द संसार जगत में ऐसे ही सुन्दर सी कविता चित्र भाव संदेश भाव भंगिमा दीप प्रज्जवलित कर मन को प्रफुल्लित कर देख रही है्््् आ रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ निकले,, ध्वनि से नयन में भरे जल बह निकले तन मन से धुन में मस्त हो राग रंग में रंगे है धूम धाम से मनाया गया है, पर्व काल अश्विन मास शुक्ल पक्ष नवरात्रि पर्व का मंगल कारकं दिव्य आयोजन है आमन्त्रित हैं ।। गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली और उसके परिणाम,, मां चामुण्डा देवी तुलजा भवानी, महाकाली जी के प्रांगण में , आयोजित नवरात्र का मनोरम दृश्य से सजाया गया,, और उसके अध्यात्मिक दर्शन से मन प्रसन्न हो ,, प्यारा सा जीवन में एक पूजा एवं मंत्र जाप करने वाले अच्छे लगते है।। विधि करहु विविध संस्कार जग में जगदीश्वरी मां शब्दों में आनंद हो,, जीवन मंत्र शक्ति अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचनानिर्राकारंओकारं आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में महान् शिवतत्व शिवअंततत्व में गिरजा देवी को सादर नमन वन्दंनीय है।। ्््््््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 1,,,10,,,,2024,,, ©Shailendra Anand

#sad_qoute अध्यात्म चेतना जागृत ज्ञान दर्शन कर देख रहा है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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