अभी तो मै अपरिपक्व हूं
मुझको थोड़ा परिपक्व बना दो ना
दुनिया की इस भीड़ में
मुझको चलना सीखा दो ना
बहुत रोती हूं बात बात पर
मुझको हंसना सीखा दो ना
दुनिया की इस ऊंच नीच को
मुझको को भी समझा दो ना
कौन कब कैसे बदलेगा
पहले से बतला दो ना
तेरे सिवा किसी और पर
नही मुझको कोई भरोसा मां
©Savita Nimesh
मां
#Connection