कब तक आसुं बहाओगे समझाओगे कब तक इस दिल को । ये मा | हिंदी कविता

"कब तक आसुं बहाओगे समझाओगे कब तक इस दिल को । ये मानेगा तो नहीं फिर क्यूँ आस लगाओगे ।। अगर है तकदीर में प्यार तुम्हारे तुम कभी उसे रोक नहीं पाओगे ।। ©Rama Goswami"

 कब तक आसुं बहाओगे
समझाओगे कब तक इस दिल को ।

ये मानेगा तो नहीं फिर 
क्यूँ आस लगाओगे ।।

अगर  है तकदीर में प्यार तुम्हारे 
 तुम कभी उसे रोक नहीं पाओगे ।।

©Rama Goswami

कब तक आसुं बहाओगे समझाओगे कब तक इस दिल को । ये मानेगा तो नहीं फिर क्यूँ आस लगाओगे ।। अगर है तकदीर में प्यार तुम्हारे तुम कभी उसे रोक नहीं पाओगे ।। ©Rama Goswami

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