"हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमांगे...
देखते है हम तुम्हें कब याद आयेंगे....
सुना है तूने हमे अपने नये महबूब के खातिर छोड़ा है..
क्या! उसे भी हमारे वाले ख्वाब दिखाये जाएंगे?
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमांगे..
देखते है हम तुम्हें कब याद आयेंगे
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सच्ची मोहब्बत तुमसे ही है के यादें किये जायेंगे
क्या! उसे भी चांद तारो के सपने दिखते जायेंगे..
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र,, आजमांगे
देखते है हम तुम्हें कब याद आयेंगे....
:-@पूजा यादव"