White राह की आखिरी सीमा तक चले आए हैं,
तेरी यादों के चराग राह में जलाए हैं।
मंजिल का पता तो किसी ने न दिया,
फिर भी तेरे वादों पर कदम बढ़ाए हैं।
थकान का नाम तक नहीं लिया हमने,
हर दर्द को मुस्कान में छुपाए हैं।
मंजिल मिले या न मिले अब ग़म नहीं,
हमने सफर के हर लम्हे को अपनाए हैं।
©Balwant Mehta
#GoodMorning