तन्हाई" बैठा था समुंदर पास मैं, देख रहा था उन ल | हिंदी शायरी

"" तन्हाई" बैठा था समुंदर पास मैं, देख रहा था उन लहरों को.. जो झोके से आती और ज्वार सी लहरों में समा जाती थी। एक विश्वास जागता था की काश! तुम भी कभी यहां आती, इस तन्हाई से भरी महफिल में तुम मेरा साथ निभाती! ©anjana wrighter"

 " तन्हाई"
बैठा था समुंदर पास मैं, 
देख रहा था उन लहरों को..
जो झोके से आती और 
ज्वार सी लहरों में समा जाती थी।
एक विश्वास जागता था की काश!
तुम भी कभी यहां आती,
इस तन्हाई से भरी महफिल में 
तुम मेरा साथ निभाती!

©anjana wrighter

" तन्हाई" बैठा था समुंदर पास मैं, देख रहा था उन लहरों को.. जो झोके से आती और ज्वार सी लहरों में समा जाती थी। एक विश्वास जागता था की काश! तुम भी कभी यहां आती, इस तन्हाई से भरी महफिल में तुम मेरा साथ निभाती! ©anjana wrighter

#tanha

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