रूठ जाते थे एक दूसरे से नाराज़ होकर, अगले ही पल चे | हिंदी Shayari

"रूठ जाते थे एक दूसरे से नाराज़ होकर, अगले ही पल चेहरे पर मुस्कान भी हुआ करती थी कभी कभी ये शाम भी हसीन हुआ करती थी कितने खुश हुआ करते थे हम सब, जब Sunday की छुट्टी मुश्किल से नसीब हुआ करती थी तुम्हें याद भी है क्या कभी कभी ये शाम भी हसीन हुआ करती थी कि बड़े खुबसूरत थे वो दिन, रातें भी कितनी रंगीन हुआ करती थी सच कहूं वो शाम भी हसीन हुआ करती थी। ©Nk hp 37 ale"

 रूठ जाते थे एक दूसरे से नाराज़ होकर, अगले ही पल चेहरे पर मुस्कान भी हुआ करती थी
कभी कभी ये शाम भी हसीन हुआ करती थी 

कितने खुश हुआ करते थे हम सब, जब Sunday की छुट्टी मुश्किल से नसीब हुआ करती थी
तुम्हें याद भी है क्या कभी कभी ये शाम भी हसीन हुआ करती थी

कि बड़े खुबसूरत थे वो दिन, रातें भी कितनी रंगीन हुआ करती थी
सच कहूं वो शाम भी हसीन हुआ करती थी।

©Nk hp 37 ale

रूठ जाते थे एक दूसरे से नाराज़ होकर, अगले ही पल चेहरे पर मुस्कान भी हुआ करती थी कभी कभी ये शाम भी हसीन हुआ करती थी कितने खुश हुआ करते थे हम सब, जब Sunday की छुट्टी मुश्किल से नसीब हुआ करती थी तुम्हें याद भी है क्या कभी कभी ये शाम भी हसीन हुआ करती थी कि बड़े खुबसूरत थे वो दिन, रातें भी कितनी रंगीन हुआ करती थी सच कहूं वो शाम भी हसीन हुआ करती थी। ©Nk hp 37 ale

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