Friend
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#Quotes #Friend  دوست ایک کتاب کی طرح ہوتا ہے
کتاب چاہیے کتنی ہی پرانی ہو جائے پر اس 
کے الفاظ نہیں بدلتے

 کبھی یاد آئے تو ورق پلٹ کر دیکھنا
 ہم کل جیسے تھے آج بھی ویسے ہیں

❣️🥰🥀









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©Mr. Eram

#Friend

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#Friend  



















आंखे बंद करके भरोसा कर सकता हूं,
ऐसा परम मित्र है मेरे पास..!!❣️
—Vकास       


































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©Vikas Yadav

#Friend

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दोस्तो की दुआ का असर कुछ इस कदर चढ गया, रगो में बेहता खून जैसे दोगुना बढ़ गया।। सोचता था अकेला निकल पड़ा हूं जिंदगी की राह पर, जब मुसीबत में आवाज़ दी और दोस्त अकेला लड़ गाया।। ©SarkaR

#दोस्त #शायरी  दोस्तो की दुआ का असर कुछ इस कदर चढ गया,

रगो में बेहता खून जैसे दोगुना बढ़ गया।।

सोचता था अकेला निकल पड़ा हूं जिंदगी की राह पर,

जब मुसीबत में आवाज़ दी और दोस्त अकेला लड़ गाया।।

©SarkaR
#शायरी #Friend  खतों का दौर था दिल से खत लिखते थे।
बारिश आती थी तो नाचते, कूदते, भीगते थे।

आज कल के बच्चे इस कदर इश्क़ में डूबे है।
जिस उम्र में हम तलाब में तैरना सीखते थे।

©KaviRaj Gupta

#Friend

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नेह निहारे स्वप्न सजाये। सखी कब तुम आओगी।। अपनी बाते तुझे बताऊ। प्रेम रस कब लाओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। आँखों की पलको पे सजाऊ। मिलने अब कब आओगी।। बीती बाते फिर,कब हमे बताओगी। साथ फिर कब तू आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। प्रेम रस उर में संजोये। गले कब लग जाओगी।। हाथ में हाथ रखे। प्रेम पथ पर कब आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। नेह का दीप जलाये। तिमिर कब मिटाओगी।। प्रेम रस का अलख जगाने। फिर मिलने कब आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। प्यार की ज्योति जलाये। तुझे हम दिल से पुकारे।। स्पर्श कब हो पाओगी। आओ फिर प्रेम का दीपक जलाये।। नेह निहारे स्वप्न सजाये। जीवन मे सूर्य की प्रभा बिखरे। पूनम की चमक सजाये।। अंधेरे में तू दीप जलाने। प्रेम जगाने जो आओगी।। नेह निहारे स्वप्न सजाये ©संगीत कुमार

#कविता #Friend  नेह निहारे स्वप्न सजाये।
सखी कब तुम आओगी।। 
अपनी बाते तुझे बताऊ। 
प्रेम रस कब लाओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
आँखों की पलको पे सजाऊ। 
मिलने अब कब आओगी।। 
बीती बाते फिर,कब हमे बताओगी। 
साथ फिर कब तू आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
प्रेम रस उर में संजोये। 
गले कब लग जाओगी।। 
हाथ में हाथ रखे। 
प्रेम पथ पर कब आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
नेह का दीप जलाये। 
तिमिर कब मिटाओगी।। 
प्रेम रस का अलख जगाने। 
फिर मिलने कब आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
प्यार की ज्योति जलाये। 
तुझे हम दिल से पुकारे।।
स्पर्श कब हो पाओगी। 
आओ फिर प्रेम का दीपक जलाये।।
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
जीवन मे सूर्य की प्रभा बिखरे। 
पूनम की चमक सजाये।। 
अंधेरे में तू दीप जलाने। 
प्रेम जगाने जो आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये

©संगीत कुमार

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8 Love

#Friend #SAD  हसा जो अपने गमों पे वो
दर्द में भी उसे मज़ा आने लगा

©Aman Agarwal

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