माँ झूठ बोलती है, सुबह उठाने को चार बजे को छः कहती

"माँ झूठ बोलती है, सुबह उठाने को चार बजे को छः कहती है नहालो नहालो के घर में नारे बुलन्द करती है, मेरी खराब तबियत को दोष बुरी नजर पर मढ़ती है, मेरी परेशानियों का बडा़ बवण्डर करती है; माँ झूठ बोलती है.....।"

 माँ झूठ बोलती है,
सुबह उठाने को चार बजे को छः कहती है
नहालो नहालो के घर में नारे बुलन्द करती है, 
मेरी खराब तबियत को दोष बुरी नजर पर  मढ़ती   है,
 मेरी परेशानियों का बडा़ बवण्डर करती है; 
माँ झूठ बोलती है.....।

माँ झूठ बोलती है, सुबह उठाने को चार बजे को छः कहती है नहालो नहालो के घर में नारे बुलन्द करती है, मेरी खराब तबियत को दोष बुरी नजर पर मढ़ती है, मेरी परेशानियों का बडा़ बवण्डर करती है; माँ झूठ बोलती है.....।

#feather माँ झूठ बोलती है 🙂😘

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