White अहङ्कारो न कर्तव्य:,
स्वधनस्य बलस्य वा।
यतो हि कालचक्रन्तु,
तीव्रगत्यात्र घूर्णति।।
सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️
अर्थात-समय का चक्र बहुत तेज चलता है इसलिए ना तो अपने बल का अहंकार करें और ना ही अपने धन का।
©Abhishek Choudhary Sanskrit
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