Abhishek Choudhary Sanskrit

Abhishek Choudhary Sanskrit

मेरे द्वारा रचित कविताएँ एवं शायरीयाँ।।

  • Latest
  • Popular
  • Video

हृदा ये पूजयिष्यन्ति, ध्यास्यन्ति तान्निरन्तरम्। पूर्णं मनोरथन्तेषां, शैलपुत्री करिष्यति।। सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात्- आज जो मन से पूजा और ध्यान करेगा उसके सभी मनोरथ माँ शैलपुत्री पूरा करेंगी। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#navratri #Bhakti  हृदा ये पूजयिष्यन्ति,
ध्यास्यन्ति तान्निरन्तरम्।
पूर्णं मनोरथन्तेषां,
शैलपुत्री करिष्यति।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- आज जो मन से पूजा और ध्यान करेगा उसके सभी मनोरथ माँ शैलपुत्री पूरा करेंगी।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#navratri

14 Love

White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में) सुरम्या सरला भाषा, सुबोधा मृदुला मुदा। यदि न तादृशी भाषा, सा भाषा नैव गद्यते।। सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#wallpaper  White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में)


सुरम्या सरला भाषा,
सुबोधा मृदुला मुदा।
यदि न तादृशी भाषा,
सा भाषा नैव गद्यते।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#wallpaper

11 Love

White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में) सुरम्या सरला भाषा, सुबोधा मृदुला मुदा। यदि न तादृशी भाषा, सा भाषा नैव गद्यते।। सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#sad_quotes  White (मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप् छन्द में) 


सुरम्या सरला भाषा,
सुबोधा मृदुला मुदा।
यदि न तादृशी भाषा,
सा भाषा नैव गद्यते।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- भाषा रमणीय,सरल,सुबोध(समझ में आने वाली) होनी चाहिए ताकि व्यक्ति सरलता से उस भाषा को समझ सके यदि ऐसी भाषा नहीं है तो फिर वो भाषा भाषा नहीं कहलाती है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#sad_quotes

10 Love

White छात्रस्त्वं संस्कृतस्यासि, वेत्सि संस्कृतमेव न | पठनेन तदा तेन, को लाभो ननु वर्तते? सृष्टो मया-(अभिषेककोश:) अर्थ- संस्कृत के छात्र होकर भी यदि तुम्हें संस्कृत नहीं आती है तो फिर उस पढ़ाई से क्या फायदा अत: यह तुम्हारे लिए घोर विडम्बना का विषय है। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#GoodMorning #Quotes  White छात्रस्त्वं संस्कृतस्यासि, 
वेत्सि संस्कृतमेव न |
पठनेन तदा तेन,
को लाभो ननु वर्तते?

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)

अर्थ- संस्कृत के छात्र होकर भी यदि तुम्हें संस्कृत नहीं आती है तो फिर उस पढ़ाई से क्या फायदा अत: यह तुम्हारे लिए घोर विडम्बना का विषय है।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#GoodMorning

17 Love

सान्निध्यन्धीमतां प्राप्य, शून्या शास्त्रगतिस्तव। सान्निध्येन तदा तेन, को लाभो ननु वर्तते ? सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात्- यदि विद्वानों के साथ रहकर भी तुम्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं हो पाया तो फिर उनके सान्निध्य का क्या लाभ? ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#Quotes #Books  सान्निध्यन्धीमतां प्राप्य,
शून्या शास्त्रगतिस्तव।
सान्निध्येन तदा तेन,
को लाभो ननु वर्तते ?

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात्- यदि विद्वानों के साथ रहकर भी तुम्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं हो पाया तो फिर उनके सान्निध्य का क्या लाभ?

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#Books

11 Love

White अहङ्कारो न कर्तव्य:, स्वधनस्य बलस्य वा। यतो हि कालचक्रन्तु, तीव्रगत्यात्र घूर्णति।। सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️ अर्थात-समय का चक्र बहुत तेज चलता है इसलिए ना तो अपने बल का अहंकार करें और ना ही अपने धन‌ का। ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#love_shayari #Quotes  White अहङ्कारो न कर्तव्य:,
स्वधनस्य बलस्य वा।
यतो हि कालचक्रन्तु,
तीव्रगत्यात्र घूर्णति।।

सृष्टो मया-(अभिषेककोश:)✍️

अर्थात-समय का चक्र बहुत तेज चलता है इसलिए ना तो अपने बल का अहंकार करें और ना ही अपने धन‌ का।

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#love_shayari

12 Love

Trending Topic