हाँ क्या लिखूँ??
(अनुशीर्षक में पढ़िए)
--ध्रुवार्थी तन्मय
#lockdown3 हां क्या लिखूँ? क्या लिखूँ??
कहने को कुछ है, मगर सबकुछ नहीं।
सहने को सहजता है , मगर शक्ति नहीं।
आसमां में गर्जना है, छलकती बारिश नहीं।
सूरज की ज्योत है, मगर किरण नहीं।
कहीं खाने में व्यंजन अनेक प्रकार ।
मगर देखने को सूखी रोटी नहीं ।
कूलर की हवा है,मगर देखने को कूलर नहीं ।