"White बड़ी मंहगी है आजादी
पड़ोसी अब भी जलते है
हिफाजत में वतन की वीर
शहादत अब भी चुनते हैं
तभी बेफिक्र होकर हम
यहां गलियों में चलते हैं
बुलंदी पर तिरंगा है
बुलंदी से वो जलते है
अभी कुछ और हो अच्छा
यही हम सोच चलते हैं
तिरंगा और लहराए
जतन कुछ और करते है
©दीपेश
"