जिस पर गुजरती है जो,वो बही जानता है, तमाम दिलासाएं | हिंदी शायरी

"जिस पर गुजरती है जो,वो बही जानता है, तमाम दिलासाएं दो लेकिन,ये दिल कब मानता है। तसल्ली आती नहीं दिल को,सारी कायनात में, बंद आंखों से जो दिखता है,दिल उसको पहचानता है। ©Kumar Neeraj"

 जिस पर गुजरती है जो,वो बही जानता है,
तमाम दिलासाएं दो लेकिन,ये दिल कब मानता है।
तसल्ली आती नहीं दिल को,सारी कायनात में,
बंद आंखों से जो दिखता है,दिल उसको पहचानता है।

©Kumar Neeraj

जिस पर गुजरती है जो,वो बही जानता है, तमाम दिलासाएं दो लेकिन,ये दिल कब मानता है। तसल्ली आती नहीं दिल को,सारी कायनात में, बंद आंखों से जो दिखता है,दिल उसको पहचानता है। ©Kumar Neeraj

#Exploration

People who shared love close

More like this

Trending Topic