Kumar Neeraj

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कवि-नीरज अकेला" कासगंज (उत्तर प्रदेश)

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#शायरी #flowers  White फकत तुझे चाहने से ही,ज़माना रूठ गया,
दिल का हर एक जर्रा,चोट खाकर टूट गया।
पकड़ कर हाथ तेरा मुकम्मल,दरिया पार करना था,
भंवर तो ठीक था साहिल पे,साथ छूट गया।।
- नीरज अकेला

©Kumar Neeraj

#flowers

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मैं खुश था इससे कि वो जिंदगी में,आने वाला है, पता नहीं था इस कदर,वो आजमाने वाला है। समंदर से भी गहरी मोहब्बत थी,उसकी आंखों में, मुझे अहसास तक न था,वो दूर जाने वाला है। -नीरज "अकेला" ©Kumar Neeraj

#शायरी #LongRoad  मैं खुश था इससे कि वो जिंदगी में,आने वाला है,
पता नहीं था इस कदर,वो आजमाने वाला है।
समंदर से भी गहरी मोहब्बत थी,उसकी आंखों में,
मुझे अहसास तक न था,वो दूर जाने वाला है।
-नीरज "अकेला"

©Kumar Neeraj

#LongRoad

11 Love

Nature Quotes लोग कहते हैं प्यार जिन्दगी में,एकबार होता है, मोहब्बत दुनिया में सबका,स्वप्निल संसार होता है। लोग कुछ भी कहें लेकिन ,जिंदगी की हकीकत है, हादसे दिल से जब भी हों,प्यार हर बार होता है - नीरज अकेला ©Kumar Neeraj

#शायरी #NatureQuotes  Nature Quotes लोग कहते हैं प्यार जिन्दगी में,एकबार होता है,
मोहब्बत दुनिया में सबका,स्वप्निल संसार होता है।
लोग कुछ भी कहें लेकिन ,जिंदगी की हकीकत है,
हादसे दिल से जब भी हों,प्यार हर बार होता है
- नीरज अकेला

©Kumar Neeraj

जिस पर गुजरती है जो,वो बही जानता है, तमाम दिलासाएं दो लेकिन,ये दिल कब मानता है। तसल्ली आती नहीं दिल को,सारी कायनात में, बंद आंखों से जो दिखता है,दिल उसको पहचानता है। ©Kumar Neeraj

#शायरी #Exploration  जिस पर गुजरती है जो,वो बही जानता है,
तमाम दिलासाएं दो लेकिन,ये दिल कब मानता है।
तसल्ली आती नहीं दिल को,सारी कायनात में,
बंद आंखों से जो दिखता है,दिल उसको पहचानता है।

©Kumar Neeraj

#Exploration

9 Love

जिंदगी की तरह ही तुम हो, जिन्दगी मेरी खुदा माना है इसलिए हो, वंदगी मेरी। अब हमें क्यों दिखाते हो, अदायें अपनी, हमें दिल से पसन्द है,ये सादगी तेरी।। ©Kumar Neeraj

#शायरी #ballet  जिंदगी की तरह ही तुम हो, जिन्दगी मेरी
खुदा माना है इसलिए हो, वंदगी मेरी।
अब हमें क्यों दिखाते हो, अदायें अपनी,
हमें दिल से पसन्द है,ये सादगी तेरी।।

©Kumar Neeraj

#ballet

10 Love

#शायरी #lalishq  तुझे बस याद किया,बंद हिचकियां हो गई,
दर्द इतना था ख्वाहिशें ये,सिसकियां हो गई।
आशियां......कितनी शिद्दतों से, बनाया मैने
सितमगर फिर भी तो बेदर्द,बिजलियां हो गई।।
-नीरज अकेला

©Kumar Neeraj

#lalishq

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