आज लग रहा जैसे तुम नहीं हो,
हाँ सही सुना ।
अपनी यादों में ढूंढ रहा हूँ...मिल नहीं रहे।
जिसे हर पल याद करता था।
तुम आज बार-बार सोचने पर भी...जहन में नहीं आ रही।
आज महसूस हो रहा
तेरी यादों को अब दफन कर दिया है।
जानते हो क्या बचा है तुम्हारे लिए अभि के दिल में...
वो प्रेम जिसे तुमने ठुकरा दिया।
वो असीम शक्तियों से लबरेज़ हो मेरे मन में जाग रहा है!
वही त्याग और समर्पण के साथ ...
जिस तरह तुझसे पहली दफा मिलने के वक़्त हुआ था!
समझ रही हो न,
मेरा प्यार तेरे लिए ताउम्र रहेगा !
अपनी हर छोटी-मोटी, खट्टी-मिठी यादों के साथ!
कभी मिल भी लिया करूँगा सपनों में आ के...
मगर सामने से कभी नहीं।
हाँ सही में कभी नहीं।
पता है न? एकतरफा प्यार की ताकतें।
जी लूंगा...
©अभि