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नौसिखुआ कलमकार
Abhi Farakiabadi
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अपने चेहरे पे हँसी रख दर्द को छुपाया तुमने, अपनी यादें छोड़ गये और हमें रुलाया तुमने! स्तब्ध हूँ लिखूं भी तो क्या लिखूं तेरे बारे में, दर्द तो पहले से था एक और दर्द बढाया तुमने!! ©अभि विनम्र श्रद्धांजलि 😭😭
9 Love
तेरी यादों की धुन में खुद को खो दिया मैंने, बहुत देर खामोश रहा फिर रो दिया मैंने! ©अभि
12 Love
#Labour_Day कभी छोटू, कभी रामू काका, तो कभी जमुना बाई , तो कभी पसीने से तर-बतर रिक्शा और ठेला खिंचते! कभी ऊँची ऊँची अट्टालिकाआओं पर अपने घरों का तामम भार उठाये! हाँ घर से कोसों दूर, कभी बेघर, तो कभी मजबूर, हाँ सही सूना आपने... मजदूर हम मजदूर! ©अभि
11 Love
आज लग रहा जैसे तुम नहीं हो, हाँ सही सुना । अपनी यादों में ढूंढ रहा हूँ...मिल नहीं रहे। जिसे हर पल याद करता था। तुम आज बार-बार सोचने पर भी...जहन में नहीं आ रही। आज महसूस हो रहा तेरी यादों को अब दफन कर दिया है। जानते हो क्या बचा है तुम्हारे लिए अभि के दिल में... वो प्रेम जिसे तुमने ठुकरा दिया। वो असीम शक्तियों से लबरेज़ हो मेरे मन में जाग रहा है! वही त्याग और समर्पण के साथ ... जिस तरह तुझसे पहली दफा मिलने के वक़्त हुआ था! समझ रही हो न, मेरा प्यार तेरे लिए ताउम्र रहेगा ! अपनी हर छोटी-मोटी, खट्टी-मिठी यादों के साथ! कभी मिल भी लिया करूँगा सपनों में आ के... मगर सामने से कभी नहीं। हाँ सही में कभी नहीं। पता है न? एकतरफा प्यार की ताकतें। जी लूंगा... ©अभि
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