खुद को संभालने निकला तो घर से दूरी मिलती है , बहुत | हिंदी शायरी
"खुद को संभालने निकला तो घर से दूरी मिलती है ,
बहुत सीखने को मिलेगा हर सीख जरूरी मिलती है ,
और अफवाहों में मत रहो कॉर्पोरेट दुनिया के बारे में ,
घंटों घंटों काम करने पर ही यहाँ मजदूरी मिलती है ।।"
खुद को संभालने निकला तो घर से दूरी मिलती है ,
बहुत सीखने को मिलेगा हर सीख जरूरी मिलती है ,
और अफवाहों में मत रहो कॉर्पोरेट दुनिया के बारे में ,
घंटों घंटों काम करने पर ही यहाँ मजदूरी मिलती है ।।