White मुस्कान से भरी-भरी
हो दिव्यता की रोशनी
दमक रही चमक रही
सृजन स्वरूपा रोहिणी
कारुण्य रूप-धारिणी
आनंद सत-प्रदायिनी
आलोक ही आलोक अब
बिखरा हुआ निखरा हुआ
नयनों से यूं झरता हुआ
अंतर स्वरूपा - हर्षिनी
माँ प्रेम गंगा-रूपिणी
आलोक दिव्या-रूपिणी
अपनत्व की पहचान सी
परम्पराओं की वाहिनी
संस्कार बीज धारिणी
शक्ति-भक्ति प्रवाहिनी
आधार प्रेम ज्ञान सी
माँ दिव्य-रूपा मानसी
©सुरेश सारस्वत
#love_shayari