"काश जिंदगी एक किताब होती
पढ़ सकते कि आगे क्या होगा?
क्या मिलेगा और क्या खोएगा?
कब खुश होंगे और कब दिल रोयेगा?
काश फाड़ सकती उन पन्नो को जिन्होंने रुलाया है
और जोड़ सकती कुछ लम्हों को जिन्होंने मुझे हसाया है,
जान तो पति की क्या खोया और क्या पाया है?
टूटे सपनो को फिर से सजाती
कुछ पल के लिए मैं भी मुस्कुराती
काश जिंदगी एक किताब हो जाती"