White किसी महफ़िल का मुझको भी साहिर बना ले।
तू रांझ बन जा मुझको तेरा अहीर बना ले ।।
तेरी नफरतों में मैं बहुत मोहब्बत करता हूँ।
तेरे वादे वफ़ा कसमो का मुझे जमीर बना ले।।
हर पल कभी आसमां से टूटता नही तारा।
मांग ले दुआओं में खुद को अमीर बना ले।।
जन्नत बन के उतर जा इस जमी पर ।
दो बदन एक इक जान का अपना शरीर बना ले।।
अफसानों की दुनिया का चमकता तारा हूँ मैं।
तेरी विरासत की मुझको को जागीर बना ले।।
©® अशोक जोरासिया
©Ashok Jorasia
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