"मैं दो हिस्सों की टकरार हूं
किसी की जरूरत
तो किसी का प्यार हूं
किसी को यकीन नहीं मुझपर
तो किसी का विश्वास हूं
मैं दो हिस्सों की टकरार हूं
किसी के लिए बेवजह
तो किसी का इंतजार हूं
किसी को बस यूं ही मिल गई
तो किसी की तलबगार हूं
मैं दो हिस्सों की टकरार हूं
©Garima Srivastava
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