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कमाल का हुनर रखते हो तुम खामोशियों को भी पढ़ते हो छुपा क्या है इस दिल में मेरे सच कहूं तो तुम ये भी समझते हो ©Garima Srivastava
Garima Srivastava
14 Love
वो सांवला सा एक लड़का नशीली आंखे है रखता देखकर उसे अब हम होश में नहीं रहते ना जाने वो आइना कैसे देखता होगा ©Garima Srivastava
12 Love
White ये खुदाया मुझपर कुछ ऐसी रहमत हो जाए की जब जब सोचूं उसे वो मेरे सामने आ जाए ©Garima Srivastava
17 Love
वो खिड़कियां वो दरवाजें वो पीपल के दरख्ते सब हैं अपनी जगह पर इन्हें तुम नहीं दिखते वो कमरा वो बिस्तरा वो चादर की सिलवटें देखती हैं मुझे पर इन्हें तुम नहीं दिखते वो छत जहां पर हम शामें घंटों बिताते थे अब उस छत के बंद दरवाज़ों को तुम नहीं दिखते ©Garima Srivastava
भला क्यूं ना रहुं मैं फिक्रजादा कि मैं एक बेटी की मां हुं नजरे लगी रहती हैं उसी पर रह ना जाए मुझसे कोई कमी कहीं पर महीनों के उन दिनों के बारे में बतलाना है खुद को कैसे संभाले ये उन्हें सिखलाना है करानी है उन्हें पहचान उन निगाहों की अच्छे बुरे बदलते हुए जमानों की बताना है उसे शारीरिक बदलाव का होना आसान नहीं होता एक बेटी की मां होना जो चलती थी कभी घुटनों पर कब वो खड़ी हो गई पता ही नहीं चलता कि ये बेटियां कब बड़ी हो गई ©Garima Srivastava
15 Love
White वो पूछता है मुझसे की मैं याद आता हूं या नहीं अब कैसे बताऊं उसे की वो मेरे दिलो दिमाग से जाता ही नहीं अब कैसे बताऊं उसे, किन लफ्जों में जताऊ उसे की जब जब सासें लेती हूं वो आता जाता है बन धड़कन सीने में मेरे दिल को धड़काता है याद उसे करके मैं कितना रोती हुं अब तो ये आलम है कि आखों में निंद की जगह उसे ही भरकर सोती हुं बारिश की बूंदों के जैसे वो तन मन महकाता है अब कैसे बताऊं मैं उसे वो याद बहुत आता है वो याद बहुत आता है ©Garima Srivastava
13 Love
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