जब मौत जिंदगी से अच्छी लगने लगे
उस दौर को क्या कहें ,
रास्ता एक ही हो और अंधेरा ही अंधेरा हो
उस ओर को क्या कहें ,
लिपटी हो जिससे झूठी कहानियां,
बंधे हों झूठे रिश्ते जिससे
उस डोर को क्या कहें ,
टूटा हो बहुत कुछ लेकिन आवाज दब गई हो
अंदर गूंजते उस शोर को क्या कहें ।
उस दौर , उस और , उस डोर को क्या कहें ~ स्वयं
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