"प्यार की कश्ती में, एक शाम.....तुम मिलना मुझसे.....गंगा बनके.....
मै घाट किनारे बैठूंगा.....भसम् रमा के,
उतर के तुझमे देखूंगा......
तुम बहती रहना अपनी धारा मे......
तुझमे खुद को खो दूंगा..........
समा लेना एकबार मुझे..........
मै जब अपनी अंतिम साँस ले लूँगा।
❤❤ @pandeyji
©Ramakant Pandey"