प्यार की कश्ती में, एक शाम.....तुम मिलना मुझसे... | हिंदी कविता

"प्यार की कश्ती में, एक शाम.....तुम मिलना मुझसे.....गंगा बनके..... मै घाट किनारे बैठूंगा.....भसम् रमा के, उतर के तुझमे देखूंगा...... तुम बहती रहना अपनी धारा मे...... तुझमे खुद को खो दूंगा.......... समा लेना एकबार मुझे.......... मै जब अपनी अंतिम साँस ले लूँगा। ❤❤ @pandeyji ©Ramakant Pandey"

 प्यार की कश्ती में, एक  शाम.....तुम मिलना मुझसे.....गंगा बनके..... 
मै घाट किनारे बैठूंगा.....भसम् रमा के, 
उतर के तुझमे देखूंगा...... 
तुम बहती रहना अपनी धारा मे...... 
तुझमे खुद को खो दूंगा.......... 
समा लेना एकबार मुझे.......... 
मै जब अपनी अंतिम साँस ले लूँगा। 
        ❤❤                  @pandeyji

©Ramakant Pandey

प्यार की कश्ती में, एक शाम.....तुम मिलना मुझसे.....गंगा बनके..... मै घाट किनारे बैठूंगा.....भसम् रमा के, उतर के तुझमे देखूंगा...... तुम बहती रहना अपनी धारा मे...... तुझमे खुद को खो दूंगा.......... समा लेना एकबार मुझे.......... मै जब अपनी अंतिम साँस ले लूँगा। ❤❤ @pandeyji ©Ramakant Pandey

#IndiaOnABoat @PREM Kumbhkar @Aditya Raj @SanDeepDing K @Manjeet Gupta

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