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दुनिया हादसों के झंझावात मे है आपदाओं की बिजलियां मानवताओं की खिड़की पर डरावनी गर्ज़न के साथ कड़क रही है। कड़ी धूप के बाद शाम की शीतलता का इंतज़ार मुकम्मल होने मे अभी लंबा वक्त है। रातों का सुकून नदारद है, अगर कुछ है तो वक्त की भयावहता से व्याप्त कोलाहल और आशांति। उम्मीदों के बुझते दीपक की मंद पड़ती रौशनी तले बैठकर इन परिस्थितियों को लिखते हुए, मुझे अफसोस हो रहा है।। @gulzarwriter ©gulzarwriter

#समाज #Light  दुनिया हादसों के झंझावात मे है
आपदाओं की बिजलियां मानवताओं की
खिड़की पर डरावनी गर्ज़न के साथ कड़क रही है। 
कड़ी धूप के बाद शाम की शीतलता का इंतज़ार
मुकम्मल होने मे अभी लंबा वक्त है। 
रातों का सुकून नदारद है, 
अगर कुछ है तो वक्त की
भयावहता से व्याप्त कोलाहल और आशांति। 
उम्मीदों के बुझते दीपक की
मंद पड़ती रौशनी तले बैठकर
इन परिस्थितियों को लिखते हुए, 
मुझे अफसोस हो रहा है।। 
@gulzarwriter

©gulzarwriter

#Light

8 Love

जब कभी तेरी याद आती है आँखे बंद और दिल उदास हो जाता है, चाहे कितना भी प्यार करो किसी से आखिर मे तो हर कोई तन्हा रह जाता है, आज भी तुमसे इतना प्यार करता हूँ की संग बिताया हर लम्हा याद आता है...। ख्वाहिशों से भरे अरमान थे तेरे संग जिंदगी गुजारने के पर हर सपना तो सच नही होता है, सपनो की उमर ही इतनी छोटी होती है की हर पल एक सपना बिखर जाता है, आज भी तुमसे इतना प्यार करता हूँ की संग बिताया हर लम्हा याद आता है..। @pandeyji ©Ramakant Pandey

#Mic  जब कभी तेरी याद आती है
आँखे बंद और दिल उदास हो जाता है, 
चाहे कितना भी प्यार करो किसी से
आखिर मे तो हर कोई तन्हा रह जाता है,
आज भी तुमसे इतना प्यार करता हूँ की
संग बिताया हर लम्हा याद आता है...।

ख्वाहिशों से भरे अरमान थे
तेरे संग जिंदगी गुजारने के
पर हर सपना तो सच नही होता है, 
सपनो की उमर ही इतनी छोटी होती है की
हर पल एक सपना बिखर जाता है, 
आज भी तुमसे इतना प्यार करता हूँ की
संग बिताया हर लम्हा याद आता है..।
@pandeyji

©Ramakant Pandey

#Mic

11 Love

ऐसा भी एक दिन होता, जब प्रेम के वृक्ष लगाए जाते, हम सब उसके माली होते, जो अपने प्रेम के आवरण से, इस दुनिया को ढक लेता, छाया तले उसकी, प्रेम पत्रों की दुनिया होती, उसके हर एक पत्ते पर, सिर्फ स्नेह और दुलार होता, जो सिर्फ प्रेम का फल देता, नफरतों को खुद मे समेट लेता, नफरत, डर और कुटिलता का, एक सुखा पत्ता भी, दिखता नहीं इस धरती पर, प्रेम के ही हरे पत्तों की छाया मे, मेरा तुम्हारा मिलन होता।। @pandeyji happy world environment day.. ©Ramakant Pandey

 ऐसा भी एक दिन होता, 
जब प्रेम के वृक्ष लगाए जाते, 
हम सब उसके माली होते, 
जो अपने प्रेम के आवरण से, 
इस दुनिया को ढक लेता, 
छाया तले उसकी, 
प्रेम पत्रों की दुनिया होती, 
उसके हर एक पत्ते पर, 
सिर्फ स्नेह और दुलार होता, 
जो सिर्फ प्रेम का फल देता, 
नफरतों को खुद मे समेट लेता, 
नफरत, डर और कुटिलता का, 
एक सुखा पत्ता भी, 
दिखता नहीं इस धरती पर, 
प्रेम के ही हरे पत्तों की छाया मे, 
मेरा तुम्हारा मिलन होता।। 
              @pandeyji
happy world environment 
day..

©Ramakant Pandey

ऐसा भी एक दिन होता, जब प्रेम के वृक्ष लगाए जाते, हम सब उसके माली होते, जो अपने प्रेम के आवरण से, इस दुनिया को ढक लेता, छाया तले उसकी, प्रेम पत्रों की दुनिया होती, उसके हर एक पत्ते पर, सिर्फ स्नेह और दुलार होता, जो सिर्फ प्रेम का फल देता, नफरतों को खुद मे समेट लेता, नफरत, डर और कुटिलता का, एक सुखा पत्ता भी, दिखता नहीं इस धरती पर, प्रेम के ही हरे पत्तों की छाया मे, मेरा तुम्हारा मिलन होता।। @pandeyji happy world environment day.. ©Ramakant Pandey

8 Love

ऐसा भी एक दिन होता, जब प्रेम के वृक्ष लगाए जाते, हम सब उसके माली होते, जो अपने प्रेम के आवरण से, इस दुनिया को ढक लेता, छाया तले उसकी, प्रेम पत्रों की दुनिया होती, उसके हर एक पत्ते पर, सिर्फ स्नेह और दुलार होता, जो सिर्फ प्रेम का फल देता, नफरतों को खुद मे समेट लेता, नफरत, डर और कुटिलता का, एक सुखा पत्ता भी, दिखता नहीं इस धरती पर, प्रेम के ही हरे पत्तों की छाया मे, मेरा तुम्हारा मिलन होता।। @pandeyji happy world environment day.. ©Ramakant Pandey

 ऐसा भी एक दिन होता, 
जब प्रेम के वृक्ष लगाए जाते, 
हम सब उसके माली होते, 
जो अपने प्रेम के आवरण से, 
इस दुनिया को ढक लेता, 
छाया तले उसकी, 
प्रेम पत्रों की दुनिया होती, 
उसके हर एक पत्ते पर, 
सिर्फ स्नेह और दुलार होता, 
जो सिर्फ प्रेम का फल देता, 
नफरतों को खुद मे समेट लेता, 
नफरत, डर और कुटिलता का, 
एक सुखा पत्ता भी, 
दिखता नहीं इस धरती पर, 
प्रेम के ही हरे पत्तों की छाया मे, 
मेरा तुम्हारा मिलन होता।। 
              @pandeyji
happy world environment
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©Ramakant Pandey

ऐसा भी एक दिन होता, जब प्रेम के वृक्ष लगाए जाते, हम सब उसके माली होते, जो अपने प्रेम के आवरण से, इस दुनिया को ढक लेता, छाया तले उसकी, प्रेम पत्रों की दुनिया होती, उसके हर एक पत्ते पर, सिर्फ स्नेह और दुलार होता, जो सिर्फ प्रेम का फल देता, नफरतों को खुद मे समेट लेता, नफरत, डर और कुटिलता का, एक सुखा पत्ता भी, दिखता नहीं इस धरती पर, प्रेम के ही हरे पत्तों की छाया मे, मेरा तुम्हारा मिलन होता।। @pandeyji happy world environment day.. ©Ramakant Pandey

7 Love

हर शहर मे किस्सा है मेरा हर शहर मे कहानी कुछ किरदार मैंने निभाए है कुछ शहर ने मुझे दिए कुछ मैंने खुद बनाये कुछ शहर ने मुझसे ले लिए ता-उम्र चलने का हक नही तो यादों का बक्सा दे दिए कुछ मेरा सा यह शहर रहा कुछ शामे मुझमे थमी रही आज भी जिंदा है उन पन्नों मे जो तकियों के नीचे दबी रही थोड़ी देर.....मेरी आँख क्या लगी.... शहर की तस्वीर ही बदल गई..... अपना शहर बनारस.....❤ @pandeyji ©Ramakant Pandey

 हर शहर मे किस्सा है मेरा
हर शहर मे कहानी
कुछ किरदार मैंने निभाए है
कुछ शहर ने मुझे दिए
कुछ मैंने खुद बनाये 
कुछ शहर ने मुझसे ले लिए
ता-उम्र चलने का हक नही
तो यादों का बक्सा दे दिए

कुछ मेरा सा यह शहर रहा
कुछ शामे मुझमे थमी रही
आज भी जिंदा है
उन पन्नों मे जो तकियों के नीचे दबी रही
थोड़ी देर.....मेरी आँख क्या लगी.... 
शहर की तस्वीर ही बदल गई..... 
अपना शहर बनारस.....❤ 
            @pandeyji

©Ramakant Pandey

इन शहरों की लाइटों मे तन्हाइयाँ पलती है, दूर चुपचाप खामोश कुछ ख्वाहिशों के बंद दरवाजे दस्तक देते हैं रातों के अंधेरो मे सन्नाटे मे जलते बल्ब की रोशनी कही दूर तलक जाने की मिन्नते जीया करती है कही टीम टीम तारों से भरे आसमान देखकर पैर पसर से जाते हैं तो कहीं ac की तंग हवा से सिमटे नज़र आते हैं कहीं बिस्तर पर गिरते सुबह हो जाती है तो कहीं रात भर जागते भी धूप नही आती है कुछ किस्से गाने के धुन मे पेट सहलाते है तो कुछ आँखें नमी से भर जाते है कही करवट से एक उम्र बदल जाती है तो कही कई उम्र करवट ही नही आती है कही कुछ अधूरे से पूरे हुआ करते हैं तो कुछ पूरे होकर हक जताया करते हैं कुछ अपने जख़्म छुपाया करते हैं तो कुछ जी भर के रोया करते हैं कुछ कश्मकश मे जिया करते हैं तो कहीं दौड़ भरी जिंदगी थकान मिटाया करते है तो कही अपने आखरी अल्फाज बयां करते है। @gulzarwriter ।।अपना शहर बनारस❤❤।। ©gulzarwriter

 इन शहरों की लाइटों मे तन्हाइयाँ पलती है, 
दूर चुपचाप खामोश कुछ ख्वाहिशों के
बंद दरवाजे दस्तक देते हैं
रातों के अंधेरो मे सन्नाटे मे जलते बल्ब
की रोशनी कही दूर तलक जाने की मिन्नते
जीया करती है
कही टीम टीम तारों से भरे आसमान देखकर
पैर पसर से जाते हैं तो
कहीं ac  की तंग हवा से सिमटे नज़र आते हैं
कहीं बिस्तर पर गिरते सुबह हो जाती है तो
कहीं रात भर जागते  भी धूप नही आती है
कुछ किस्से गाने के धुन मे पेट सहलाते है तो
कुछ  आँखें नमी से भर जाते है
कही करवट से  एक उम्र बदल जाती है तो
कही कई उम्र करवट ही नही आती है
कही कुछ अधूरे से पूरे हुआ करते हैं तो
कुछ पूरे होकर हक जताया करते हैं
कुछ अपने जख़्म छुपाया करते हैं तो
कुछ जी भर के रोया करते हैं
कुछ कश्मकश मे जिया करते हैं तो
कहीं दौड़ भरी जिंदगी थकान मिटाया करते है तो
कही अपने आखरी अल्फाज बयां करते है। 
     @gulzarwriter              
।।अपना शहर बनारस❤❤।।

©gulzarwriter

इन शहरों की लाइटों मे तन्हाइयाँ पलती है, दूर चुपचाप खामोश कुछ ख्वाहिशों के बंद दरवाजे दस्तक देते हैं रातों के अंधेरो मे सन्नाटे मे जलते बल्ब की रोशनी कही दूर तलक जाने की मिन्नते जीया करती है कही टीम टीम तारों से भरे आसमान देखकर पैर पसर से जाते हैं तो कहीं ac की तंग हवा से सिमटे नज़र आते हैं कहीं बिस्तर पर गिरते सुबह हो जाती है तो कहीं रात भर जागते भी धूप नही आती है कुछ किस्से गाने के धुन मे पेट सहलाते है तो कुछ आँखें नमी से भर जाते है कही करवट से एक उम्र बदल जाती है तो कही कई उम्र करवट ही नही आती है कही कुछ अधूरे से पूरे हुआ करते हैं तो कुछ पूरे होकर हक जताया करते हैं कुछ अपने जख़्म छुपाया करते हैं तो कुछ जी भर के रोया करते हैं कुछ कश्मकश मे जिया करते हैं तो कहीं दौड़ भरी जिंदगी थकान मिटाया करते है तो कही अपने आखरी अल्फाज बयां करते है। @gulzarwriter ।।अपना शहर बनारस❤❤।। ©gulzarwriter

8 Love

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