हवा चले अनुकूल तो नावें नौसिखिया भी खे ल | हिंदी विचार
"हवा चले अनुकूल तो नावें नौसिखिया भी खे लेते हैं, सहज डगर पर लंगडे़ भी चल वैसाखी से लेते हैं,
मिट जाते हैं जो दीप स्वयं रोशन कर लाख चिरागों को, नमन उन्हें है जो लौटा लाते गई बहारों को ।।
------પ્રસૂન કૃષ્ણા"
हवा चले अनुकूल तो नावें नौसिखिया भी खे लेते हैं, सहज डगर पर लंगडे़ भी चल वैसाखी से लेते हैं,
मिट जाते हैं जो दीप स्वयं रोशन कर लाख चिरागों को, नमन उन्हें है जो लौटा लाते गई बहारों को ।।
------પ્રસૂન કૃષ્ણા