मेरी चीखों को चहकने दो ज़रा
मेरी मृत्यु को फैलने दो ज़रा
बेटी को बचाओ बेटी को पढ़ाओ
इस संदेश को भी हंसने दो ज़रा
जो थम गयीं हैं सांसें मेरी
चिता को मशाल बना दो ज़रा
Dr Vassundhara Rai
मेरी चीखों को चहकने दो ज़रा
मेरी मृत्यु को फैलने दो ज़रा
बेटी को बचाओ बेटी को पढ़ाओ
इस संदेश को भी हंसने दो ज़रा
जो थम गयीं हैं सांसें मेरी
चिता को मशाल बना दो ज़रा
Dr Vassundhara Rai